Salman Khan Health News: कोई सोच भी नहीं सकता था। जिस इंसान ने जिंदगी भर लोगों को हंसाया, रुलाया और प्रेरित किया, उसी इंसान की अपनी जिंदगी मौत से जंग लड़ रही थी। यह कहानी है एक ऐसे सुपरस्टार की जिसे खुद नहीं पता था कि उसके दिमाग में टाइम बम छुपा बैठा है। एक बम जो कभी भी फट सकता था और सब कुछ खत्म कर सकता था।
जी हां, वही सलमान खान जो करोड़ों दिलों की धड़कन है, वह सालों से एक ऐसी बीमारी से जूझ रहे हैं जिसे डॉक्टर्स ने खुद कहा है, यह बीमारी इंसान को अंदर से तोड़ देती है। आज हम उसी बीमारी की असल कहानी बताएंगे।
एवी मालफॉर्मेशन (AVM) है उसके बावजूद चल रहे हैं। एक्शन, यहां से कूदना या कोई कॉमेडी फिल्म करना, कैसे सलमान खान ने मुस्कुराते हुए दर्द को छुपाया, कैसे उन्होंने कैमरे के पीछे हर दिन एक जंग लड़ी और कैसे वह अब तक जिंदा हैं, यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।
सलमान खान नाम ही काफी है। एक ऐसा चेहरा जो पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से जिंदा है। दशकों से करोड़ों दिलों की धड़कन बना हुआ है।
लेकिन आज हम उस स्टार की कहानी नहीं, उस इंसान की जंग सुनाने जा रहे हैं जिसने अकेले अपनी मौत से लड़ाई लड़ी, अपने शरीर के अंदर चल रही तबाही से लड़ाई की और वह भी चुपचाप। यह है सलमान खान की असली कहानी।
एक सुपरस्टार की जिंदगी की सबसे बड़ी जंग। ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया, ब्रेन अन्यूरिज्म, एवी मलफॉर्मेशन और पसलियों की चोट। यह सब एक इंसान के साथ हुआ और वो इंसान थे सलमान खान।
ट्राइजेमिनल न्यूरॉल्जिया का खुलासा और पहली सर्जरी
शुरुआत होती है चेहरे के अजीब दर्द से। खाना खाते वक्त, ब्रश करते वक्त, यहां तक कि बात करते वक्त भी जबड़े में भयंकर झटका लगता था। कई महीनों तक सलमान को समझ ही नहीं आया कि यह हो क्या रहा है। डॉक्टरों ने जांच की और जो सामने आया वह रोंगटे खड़े कर देने वाला था।
सलमान खान को ट्राइजेमिनल न्यूरॉलजिया नाम की बीमारी थी। चेहरे की एक नस जब दबती है तो ऐसा लगता है जैसे बिजली का झटका लग रहा हो। यह झटका बार बार, दिन में कई बार होता है।
सलमान इसे सहते रहे, मुस्कुराते रहे और शूटिंग करते रहे, लेकिन दर्द रुकने का नाम नहीं ले रहा था। सर्जरी की गई, लेकिन हालत ज्यादा नहीं सुधरी। दूसरे डॉक्टर ने कहा इसका इलाज अमेरिका में है। सलमान गए, सर्जरी करवाई और वहां से लौटे।
लोगों को लगा सब ठीक है, लेकिन तभी एक और डरावनी खबर आती है। सलमान खान के दिमाग में अन्यूरिज्म है। अन्यूरिज्म यानी दिमाग की नस में एक गुब्बारा बन गया है जो कभी भी फट सकता है। अगर वो फटता तो कुछ सेकंड में सलमान को ब्रेन हेमरेज हो सकता था।
डॉक्टरों ने साफ कहा समय रहते ऑपरेशन नहीं किया तो यह जानलेवा होगा। सलमान फिर से हॉस्पिटल गए। एमआरआई, सीटी स्कैन, ब्लड रिपोर्ट्स और फिर एक और सर्जरी।
AV मलफॉर्मेशन: नसों का गलत जाल
अब सलमान को एक और नई बीमारी का पता चला, एवी मलफॉर्मेशन यानी दिमाग में नसों का एक गलत नेटवर्क, जिससे हर समय ब्लड फ्लो असामान्य रहता है।
इससे अचानक स्ट्रोक या ब्रेन ब्लीड हो सकता है। एक आम आदमी के लिए यह तीनों बीमारियां जानलेवा होती हैं। लेकिन सलमान खान ने हार नहीं मानी। वह हर सुबह उठते, दर्द के साथ जूझते और फिर कैमरे के सामने एक्शन करते। लोगों को दिखता था उनका स्टाइल, बॉडी, एटीट्यूड।
लेकिन किसी को पता नहीं था कि पर्दे के पीछे वो किस जंग से गुजर रहे हैं। एक वक्त ऐसा आया जब सलमान को पसलियों में भी चोट लगी। फिल्म की शूटिंग के दौरान एक स्टंट में उनकी पसली क्रैक हो गई। सांस लेना तक मुश्किल हो गया था, लेकिन उन्होंने शूटिंग नहीं रोकी।
फिजियोथेरेपी, पेन किलर्स और हर रोज खुद से लड़ाई। सलमान ने कभी किसी को अपने दर्द का एहसास नहीं होने दिया। वो खुद टूटते रहे, लेकिन लोगों के सामने मुस्कुराते रहे। शायद यही वजह है कि वो सिर्फ एक एक्टर नहीं बल्कि एक फाइटर है।
एक ऐसा फाइटर जो आज भी इस जंग को जीतकर हमारे बीच है, जो आज भी फिल्मों में काम कर रहा है। सलमान ने एक बार कहा था, “जो दर्द में भी मुस्कुरा दे, वही असली मर्द होता है” और उन्होंने इसे साबित भी किया।
कपिल शर्मा शो में पहली बार दर्द का खुलासा – Salman Khan Health News
जब सलमान द कपिल शर्मा शो में आए तो उन्होंने पहली बार अपनी बीमारी का खुलासा किया। उनकी आंखों में आंसू नहीं थे, लेकिन उनकी आवाज में वह थकावट थी, जो दर्द से आती है। उन्होंने बताया कि उन्हें ट्राइजेमिनल न्यूरॉलजिया, ब्रेन अन्यूरिज्म और एवी मलफॉर्मेशन है।
पूरी इंडस्ट्री दग रह गई। किसी को यकीन नहीं हुआ कि सलमान इतनी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। सोशल मीडिया पर जैसे तूफान सा आ गया, हैशटैग किट वेल सून। सलमान खान ट्रेंड करने लगा।
लाखों फैंस ने ट्वीट किए। लोगों ने पुराने वीडियोस निकाल कर देखे जहां सलमान अपने दर्द को छुपाते हुए डांस कर रहे थे, हंस रहे थे, एक्शन कर रहे थे। लेकिन अब लोग उनके हर एक्सप्रेशन में दर्द तलाश रहे थे। उनकी बहन अर्पिता ने कहा, “भैया ने कभी किसी को अपनी बीमारी का एहसास नहीं होने दिया।
वो हम सबको हंसाते रहे, लेकिन खुद अकेले दर्द झेलते रहे।” उनके को-स्टार्स जैसे शाहरुख खान, आमिर खान, अक्षय कुमार ने भी बयान दिए। शाहरुख बोले, “सलमान सिर्फ मेरा भाई नहीं है।
वह इंडस्ट्री का वह कंधा है जो हर वक्त सबका बोझ उठाता है और खुद की तकलीफ किसी को बताता भी नहीं।” डॉक्टरों ने बताया कि ब्रेन अन्यूरिज्म और एवी मलफॉर्मेशन का कॉम्बिनेशन बहुत ही रेयर होता है और इससे जीना आसान नहीं होता।
हर दिन खतरे में होता है। थोड़ा सा स्ट्रेस भी ब्रेन ब्लीड का कारण बन सकता है। लेकिन सलमान ने इन सबके बावजूद फिल्में कीं। बजरंगी भाई जान, सुल्तान, रेडी भारत, हर फिल्म के पीछे एक ऐसी कहानी थी जो कैमरे के पीछे कोई नहीं देखता था.
सलमान हर दिन सुबह जल्दी उठते, वर्कआउट करते, फिर शूटिंग करते और रात को फिजियो और दवाओं से दिन खत्म होता। यह सिर्फ टाइमटेबल नहीं, यह एक युद्ध का रूटीन था। डॉक्टरों ने सलाह दी थी कि सलमान को ब्रेक लेना चाहिए, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
उन्होंने कहा, अगर मैं रुक गया तो दर्द जीत जाएगा। मैं नहीं रुकूंगा। मैं लड़ूंगा।” सलमान अब पहले से बेहतर है। वह अब भी दवाओं पर हैं। अब भी उन्हें तकलीफ होती है, लेकिन उनकी मुस्कान अब और गहरी है। क्योंकि अब वह जान गए हैं कि जिंदगी कितनी कीमती है।
उनकी फिल्म सिकंदर की शूटिंग के दौरान भी उन्हें पसलियों में चोट लगी लेकिन उन्होंने रुकने से इंकार कर दिया। उनके ट्रेनर ने कहा, “वह रोते नहीं। वह सिर्फ पूछते हैं आज क्या करना है?” यह जज्बा है सलमान का। तो भाई जब अगली बार कोई कहे कि सलमान सिर्फ एक हीरो है तो उन्हें यह वीडियो जरूर दिखाना।
यह याद दिलाना कि वह सिर्फ हीरो नहीं, वह एक जिंदा मिसाल है उस इंसान की जो दर्द को ताकत बना देता है। सलमान खान की यह बीमारी सिर्फ उनका दर्द नहीं थी। यह एक ऐसा सच था जिसे उन्होंने सालों तक दुनिया से छुपाए रखा।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि उन्होंने यह सब छुपाया क्यों? क्यों उन्होंने कभी मीडिया में शोर नहीं मचाया? क्यों उन्होंने कभी सिम्पैथी नहीं मांगी? क्योंकि सलमान खान दिखावे में नहीं, कर्म में विश्वास रखते हैं।
उनके सबसे करीबी लोगों ने बताया कि जब वह दर्द में होते थे तो कमरे में अकेले बैठ जाते थे। ना कोई शिकायत, ना कोई शिकायत का शब्द।
बस शांति और एक उम्मीद कि यह दर्द भी एक दिन चला जाएगा। 2011 में जब उन्होंने पहली बार ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया का नाम लिया तो पूरी दुनिया चौंक गई। लोगों ने पूछा, “यह क्या होता है?” सलमान ने मुस्कुरा कर कहा, “मौत जितना दर्द होता है, पर मैं जिंदा हूं।
क्या आप सोच सकते हो? इतना बड़ा सुपरस्टार, जिसकी हर फिल्म एक 100 करोड़ कमाती है, वह अकेले दर्द से लड़ रहा था और फिर भी हर ईद पर अपने फैंस के लिए स्क्रीन पर दिखाई देता था। एक बार उनके एक फैन ने ट्विटर पर लिखा, “मैं डिप्रेशन में थी।
लेकिन जब मैंने सलमान की बीमारी वाली क्लिप देखी और यह जाना कि वह इतना दर्द झेलकर भी लोगों को हंसा रहे हैं, तब मैंने खुद को संभाल लिया। सलमान ने मेरी जिंदगी बचाई।” सलमान सिर्फ एक्टर नहीं, लाखों लोगों की उम्मीद बन चुके हैं।
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आध्यात्म और आत्मबल ने बनाया उन्हें मजबूत
उन्होंने इस दर्दनाक दौर में धर्म और अध्यात्म का सहारा लिया। कहा जाता है कि वह रोज सुबह हनुमान चालीसा सुनते थे। मेडिटेशन, ब्रीदिंग और खुद के अंदर झांकने की आदत ने उन्हें संबल दिया।
उन्होंने कई बार कहा कि उन्हें अब लाइफ का असली मतलब समझ में आया है। आज जब लोग उनके शरीर को ट्रोल करते हैं, उनकी चाल को लेकर मीम बनाते हैं, उन्हें नहीं पता कि वह इंसान उन मीम्स के पीछे जिंदगी की सबसे खतरनाक लड़ाई लड़ चुका है।
और शायद इसीलिए वह हर किसी को माफ कर देते हैं। कभी किसी पर गुस्सा नहीं करते। क्योंकि जो मौत से लड़ चुका हो, उसके लिए छोटी, छोटी बातों का कोई मतलब नहीं होता।
लेकिन सवाल यह उठता है, इतनी सारी बीमारियों से जूझने के बाद क्या सलमान खान पहले जैसे बन पाए? क्या अब भी वही एनर्जी बची है उनके अंदर? क्या अब भी वो सुपरस्टार है या अब वो सिर्फ नाम भर रह गया है? तो जवाब है, सलमान पहले से भी ज्यादा मजबूत हो गए हैं।
शरीर से भले थोड़ा धीमे हो गए हों, लेकिन आत्मा से अब और भी तेज हैं। उन्होंने साबित कर दिया कि बीमारी इंसान को हरा नहीं सकती जब तक उसका हौसला जिंदा है। सलमान आज सिर्फ फिल्म स्टार नहीं है, वह मिलियंस ऑफ पीपल के लिए एक जिंदा मिसाल बन चुके हैं।
उनकी लाइफ से एक चीज सीखने लायक है, मुकाबला करो, झुको मत, रोको नहीं, चलते रहो। क्योंकि जो इंसान ब्रेन की नसों, चेहरे के बिजली जैसे दर्द और हड्डियों के टूटने के बाद भी मुस्कुरा रहा है, वह हर तूफान झेल सकता है।
सलमान का संदेश दर्द से डरो मत, लड़ो
उन्होंने एक बार कहा था, “जिंदगी में हर किसी को एक ना एक दर्द सहना पड़ता है। मुद्दा यह नहीं है कि तुम्हारे साथ क्या हुआ। मुद्दा यह है कि तुमने उसके बाद क्या किया?” और सलमान ने करके दिखाया।
आज भी वो सेट पर सबसे पहले पहुंचते हैं और सबसे देर तक काम करते हैं। वह अब भी हर फिल्म में मेहनत करते हैं, ना सिर्फ कैमरे के लिए, बल्कि उन लाखों लोगों के लिए, जो उन्हें देखकर जीना सीखते हैं। तो दोस्त, अगर आप भी किसी दर्द से जूझ रहे हैं, कोई बीमारी, कोई तकलीफफ, या कोई टूटन।
तो सलमान की कहानी याद रखो। यह मत देखो कि उन्होंने कितनी फिल्में की। यह देखो कि उन्होंने कितनी बार मौत को मात दी।
और इसलिए जब अगली बार कोई पूछे कि सलमान खान में पहले वाली बात नहीं रही, तो सिर्फ एक बात कहना, पहले वो सुपरस्टार थे, अब वो इंसानी हौसले की मिसाल है।” धन्यवाद सलमान खान, कि आपने हमें दिखाया दबंग सिर्फ फिल्म का नाम नहीं है, यह एक सोच है, एक जज्बा है जो हर इंसान के अंदर होना चाहिए।