दुनिया की सबसे बड़ी फूड और बेवरेज कंपनी Nestlé से एक बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। कंपनी ने Nestle CEO Laurent Freixe को अचानक उनके पद से हटा दिया है। वजह जानकर हर कोई हैरान है।
दरअसल, एक आंतरिक जांच में यह सामने आया कि Freixe अपनी ही कंपनी की एक डायरेक्ट सबऑर्डिनेट के साथ गुप्त रोमांटिक रिश्ते में थे। यह रिश्ता न सिर्फ छिपाया गया बल्कि कंपनी के कोड ऑफ बिजनेस कंडक्ट यानी आचार संहिता का भी उल्लंघन था।
Nestlé जैसी कंपनी, जिसका कारोबार लगभग हर देश में फैला है और जिसके प्रोडक्ट्स करोड़ों लोग रोज़ाना इस्तेमाल करते हैं, उसके लिए यह मामला बेहद गंभीर साबित हुआ। कंपनी के बोर्ड ने तुरंत जांच शुरू की और जब सबूत सामने आए, तो बिना देर किए Laurent को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
Nestle CEO Laurent Freixe को क्यों निकाला गया?
कंपनी ने इस फैसले पर आधिकारिक बयान जारी किया। Nestlé ने साफ कहा कि यह कदम कंपनी के मूल्यों और गवर्नेंस की रक्षा के लिए उठाया गया है। कंपनी ने बयान में लिखा कि यह रिश्ता कंपनी की आचार संहिता का उल्लंघन था और पारदर्शिता बनाए रखना उनकी ज़िम्मेदारी है।
इस पूरे मामले की जांच खुद Nestlé के चेयरमैन Paul Bulcke और लीड इंडिपेंडेंट डायरेक्टर Pablo Isla की निगरानी में हुई। जांच में मदद के लिए स्वतंत्र कानूनी विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया। नतीजा यह रहा कि सभी रिपोर्ट्स ने साबित किया कि Laurent ने नियमों का उल्लंघन किया है।
Paul Bulcke ने बयान देते हुए कहा, “यह निर्णय लेना अनिवार्य था। Nestlé के मूल्य और गवर्नेंस हमारी कंपनी की सबसे बड़ी ताकत हैं। हम Laurent को उनके वर्षों की सेवा के लिए धन्यवाद देते हैं लेकिन कंपनी की विश्वसनीयता और मूल्यों से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।”
Philipp Navratil बने नए CEO
Laurent की विदाई के बाद Nestlé ने तुरंत नए सीईओ का ऐलान भी कर दिया। अब कंपनी की कमान Philipp Navratil के हाथों में होगी। Philipp लंबे समय से Nestlé से जुड़े हुए हैं और उन्हें एक रणनीतिक और इनोवेटिव लीडर माना जाता है।
बोर्ड ने उनकी नियुक्ति की घोषणा करते हुए कहा कि वे इस कठिन समय में कंपनी को सही दिशा देंगे और भरोसे को बनाए रखेंगे।
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Laurent Freixe कौन हैं?

Laurent Freixe का नाम Nestlé की सफलता की कहानियों में लंबे समय से जुड़ा रहा है। उन्होंने कंपनी में 1986 में फ्रांस से अपने करियर की शुरुआत की थी। मार्केटिंग और सेल्स की जिम्मेदारियों के साथ उनका सफर शुरू हुआ और धीरे-धीरे वे उच्च पदों तक पहुंचे।
1999 में उन्हें Nestlé फ्रांस की न्यूट्रिशन डिवीजन का प्रमुख बनाया गया। इसके बाद 2003 में वे Nestlé हंगरी के सीईओ बने और 2007 में Nestlé Iberian Region की कमान संभाली।
2008 में उनकी तरक्की ने एक नया मोड़ लिया। उन्हें Nestlé S.A. के एग्जीक्यूटिव बोर्ड में शामिल किया गया और Zone Europe की जिम्मेदारी सौंपी गई।
इसके बाद 2014 में उन्होंने Zone Americas का नेतृत्व संभाला, जो कंपनी का सबसे बड़ा क्षेत्र है। 2022 में जब Nestlé ने अपना भौगोलिक ढांचा बदला तो उन्हें Zone Latin America का सीईओ बनाया गया।
सितंबर 2024 में उन्हें ग्लोबल सीईओ नियुक्त किया गया और कंपनी ने उन्हें एक “प्राकृतिक नेता” बताया था। उस समय Nestlé ने कहा था कि Laurent ने कंपनी में नवाचार और बेहतर प्रदर्शन को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है और उनका काम समाज और समुदायों में सकारात्मक योगदान देने वाला रहा है।
Laurent की उपलब्धियां
Laurent का नाम खासतौर पर युवाओं के लिए शुरू की गई पहल Nestlé Needs YOUth से जुड़ा रहा है। 2013 में उन्होंने यह कार्यक्रम यूरोप में लॉन्च किया था। इसका मकसद युवाओं को रोजगार और स्किल डेवलपमेंट के मौके देना था।
कंपनी के अनुसार 2024 तक इस पहल के जरिए 30 साल से कम उम्र के युवाओं को बड़े पैमाने पर अवसर दिए जा चुके हैं। Nestlé का लक्ष्य है कि 2030 तक दुनिया भर के 10 मिलियन युवाओं को आर्थिक अवसरों तक पहुंच मिल सके।
Laurent की यह पहल कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के तौर पर काफी सफल मानी गई और इसने उन्हें एक दूरदर्शी नेता के रूप में स्थापित किया।
Laurent का जन्म पेरिस में हुआ था। उन्होंने Lille के प्रतिष्ठित संस्थान Ecole de Hautes Etudes Commerciales du Nord से शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने स्विट्जरलैंड के IMD Program for Executive Development में भी हिस्सा लिया। शिक्षा और अनुभव का यही मेल उन्हें Nestlé के शीर्ष नेतृत्व तक ले गया।
कॉर्पोरेट जगत के लिए बड़ा सबक
Laurent का अचानक इस तरह बाहर होना सिर्फ Nestlé के लिए ही नहीं बल्कि पूरे कॉर्पोरेट जगत के लिए एक बड़ा सबक है। जब कोई व्यक्ति इतनी ऊंची कुर्सी पर बैठा होता है तो उससे उम्मीद की जाती है कि वह कंपनी के मूल्यों और आचार संहिता का पालन करेगा।
लेकिन जब वही नियम तोड़ता है तो इसका असर उसकी छवि और पूरे संगठन की साख पर पड़ता है। Nestlé ने अपने फैसले से साफ कर दिया कि उसके लिए नियम और गवर्नेंस किसी भी व्यक्ति से ऊपर हैं। यह कदम निश्चित तौर पर कंपनी की प्रतिष्ठा को बचाने और ग्राहकों व निवेशकों का विश्वास बनाए रखने के लिए जरूरी था।
Nestlé की फैसले का असर क्या हुआ?
दुनिया भर में Nestlé के करोड़ों ग्राहक हैं और यह कंपनी हर घर में मौजूद है। सीईओ का इस तरह विवादों में फंसना कंपनी के लिए एक बड़ा झटका है। निवेशकों और ग्राहकों दोनों के बीच हलचल है। लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर इतने ऊंचे पद पर बैठे व्यक्ति ने ऐसा कदम क्यों उठाया। फिलहाल अब सबकी निगाहें Philipp Navratil पर हैं कि वे इस मुश्किल दौर में कंपनी को कैसे संभालते हैं।