Mirzapur Accident: हेलो दोस्तों आज हम बात करेंगे मिर्जापुर जिले में एक्सीडेंट के बारे में उत्तर प्रदेश की मिर्जापुर जिले में बुधवार 5 नवंबर 2025 को एक दर्दनाक रेल हादसा हुआ जिससे इस हाथ से पूरे प्रदेश को झकझोर कर दिया यह हादसा चुनार रेलवे स्टेशन पर हुआ था जहां पर श्रद्धालुओ से भारी ट्रेन से कुछ लोग गलत दिशा में उतर गए थे.
Mirzapur Accident और दूसरी ओर से तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आ गई थी यह हादसा इतना भयानक था की मौके पर ही कई लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए प्रशासन और रेलवे की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और राहत बचाव कर शुरू किया उसे हादसे में एक बार फिर एक सवाल खड़ा कर दिया कि आखिर कब तक लोगों की लापरवाही जानलेवा बनती रहेगी।
मिर्जापुर जिले की चुनर रेलवे स्टेशन पर बुधवार सुबह कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धा रखने वाली पहुंची थी श्रद्धा रखने वाले में से कई लोग अलग-अलग ट्रेनों से इलाहाबाद वाराणसी और अन्य धार्मिक स्थलों की ओर जा रहे थे इस दौरान कालका मेल और नेताजी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों की आवाज आई हो रही थी जानकारी के अनुसार एक यात्री ने ट्रेन की प्लेटफार्म पर पहुंची थी।
और कुछ श्रद्धा रखने वाले जल्दबाजी में प्रेम की गलत दिशा में उतर गए थे प्लेटफार्म की ओर जाने की बजाय वह दूसरी तरफ से उतर कर रेल की पटरी पार करने लगे इसी समय विपरीत दिशा से आ रही कालका मेल एक्सप्रेस तेज रफ्तार से वहां से गुजरी और कई लोगों को अपनी चपेट में ले लिया था |
गवाह या चश्मदीद के मुताबिक ट्रेन की रफ्तार इतनी तेज थी कि लोगों को संभाले का भी मौका नहीं मिला और कुछ ही सेकंड में चिल्लाहट चीख- पुकार बच गई और चारों ओर अफरा- तफरी मच गईप्रशासन ने तुरंत राहत‑कार्य शुरू किया, आरपीएफ‑जीआरपी बल एवं स्थानीय अधिकारी मौके पर पहुंचे।।
Mirzapur Accident में मरने वालों की संख्या और घायल
Mirzapur Accident इस हादसे में कम से कम 6 लोगों की मौके पर मौत हो गई, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे है. मृतकों में महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल हैं,
जो कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान के लिए जा रहे थे।Mirzapur Accident में घायलों को तत्काल चुनार और मिर्जापुर के सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। कुछ गंभीर मरीजों को वाराणसी के ट्रॉमा सेंटर में रेफर किया गया है।प्रदेश के मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने इस हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 2‑2 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की।

Mirzapur Accident हादसे की बात जो लोग वहां मौजूद थे बता रहे थे की प्लेटफार्म पर भीड़ बहुत ज्यादा थी ट्रेनों के लगातार आने-जाने के कारण यात्री लोग बहुत परेशान थे कई श्रद्धा रखने वाले जल्दी से जल्दी अपने स्थान तक पहुंचाना चाहते थे इसलिए उन्होंने ओवर ब्रिज का सहारा नहीं लिए वह लोग दौड़ने या रेसिंग करने का फैसला किया रेलवे पुलिस और स्टेशन मास्टर ने कई बार लोगों को रोकने की कोशिश की लेकिन भीड़ के कारण कोई सुनने का तैयार नहीं था?
और जैसे ही कालका मेल ट्रेन वहां से गुजरी और वह लोग भाग नहीं पाए उन लोगों को ट्रेन दबाते चली गई चली गई जो है दौड़ने या पार करने की कोशिश में थे मौके पर आश्चर्य, सन्नाटा और घबराहट का माहौल था। घायल‑मृत bodies प्लेटफॉर्म के पास पड़ी थीं, और त्रासदी ने उस सुबह को एक भयावह यादगार बना दिया।
Mirzapur Accident हादसे का समय और स्थान क्या है
Mirzapur Accident आज हम बात करते हैं जिंदगी के कुछ लोग बातें दिन-दिन हम सुनते ही रहते हैं. कि कभी सड़क पर कोहरे में वाहन टकरा गए कभी रेल पटेरियो पर हादसा हो गया कभी कोई बाइक से लड़ गया कभी-कभी एक दूसरे की चक्कर में लोग चोट लग जाती है. लेकिन गहरी बेचैनी तब होती है जब हादसे में किसी की जान चली जाती है. ऐसा ही एक दुखद घटना चुनार रेलवे स्टेशन उत्तर प्रदेश में हुई है जिसने कब कप कपि डाल देता है आईए जानते हैं कहां और कब यह हादसा हुआ।
हम आपको इस वीडियो के माध्यम से बता सकते हैं कि यह मिर्जापुर के अंदर कितने एक्सीडेंट होते हैं इस वीडियो के अंदर अलग-अलग न्यूज़ आती है और हमेशा ही इस तरह से एक्सीडेंट होते रहते हैं|
स्थान
यह हादसा Chunar Railway Station (प्रयागराज डिवीजन, Mirzapur district, उत्तर प्रदेश) पर हुआ। स्टेशन पटरियों के पास प्लेटफ़ॉर्म नंबर 4 था, जहाँ एक यात्री ट्रेन थी।
यह ब्रह्मपुत्र नहीं, बल्कि गंगा के तट और विंध्य की पहाड़ियों के बीच आने वाला इलाका है — लोग अक्सर तीर्थयात्रा के लिए भी यहां आते हैं।
समय
घटना बुधवार सुबह लगभग 9:30 AM के आसपास हुई।
थोड़ी‑बहुत घटनाओं में यह बताया गया है कि ट्रेन प्लेटफ़ॉर्म 4 पर 9:15 AM के करीब रुकी थी।
यानि लगभग 9:15 से 9:30 के बीच, यात्री ट्रेन के उतरने‑चढ़ने के वक्त यह हादसा हुआ।
Mirzapur Train Accident: सुबह का सन्नाटा दर्दनाक हादसा
Mirzapur Accident बुधवार की सुबह Chunar Junction‑स्टेशन (Mirzapur जिला, उत्तर प्रदेश) पर ऐसा हादसा हुआ जिसने वक्त को तुरंत ठहराकर रख दिया। करीब सुबह 9 :15 बजे के आस‑पास, जब प्लेटफॉर्म 4 पर Gomo Prayagraj Express ट्रेन रुकी हुई थी, वहीं कुछ यात्री उतरे और प्लेटफॉर्म की ओर जाने के बजाय सीधे ट्रैक पार करने लगे।
हादसे में शुरुआती प्रमाणों के अनुसार छह महिलाओं की मौत हो गई। स्पष्ट रूप से बताया गया है कि वह सभी गंगा स्नान के लिए निकली थीं।
और ट्रेन से उतरने के बाद प्लेटफॉर्म ब्रिज का इस्तेमाल नहीं कर पाईं, बल्कि ट्रैक पार करने की कोशिश में फंसींरेलवे ने इस घटना पर बयान जारी करते हुए कहा कि फुट ओवर ब्रिज मौजूद था, लेकिन यात्रियों ने जल्दबाजी में ट्रैक पार करने का जोखिम उठाया।यह घटना हमें यह याद दिलाती है |
कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर “जल्दी में निर्णय लेना” कभी‑कभी जानलेवा हो सकता है। सुबह के उस सन्नाटे में, जब लोग धार्मिक कर्तव्य के लिए निकल रहे थे, एक गलत ट्रैक चॉइस ने जीवन बदल दियाआगे से ऐसी घटनाओं से बचने के लिए यह जरूरी है कि यात्रियों को प्लेटफॉर्म के फुट ओवर ब्रिज और सुरक्षित रास्तों का उपयोग करने की जागरूकता बढ़ाई जाए ।
समय और स्थान क्या था
(1)समय : लगभग सुबह 9 :15 बजे
(2)स्थान : चुनार रेलवे स्टेशन, मिर्जापुर जिला, उत्तर‑प्रदेश
(3)मुख्य कारण : प्लेटफॉर्म ब्रिज की बजाय रेलवे दौड़ के पार करना
(4)परिणाम : छह सममहिलाओं की मौत, प्रशासन द्वारा राहत‑मुआवजे की घोषणा की
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प्रश्न 1: उस हादसे में कितने मजदूरों की मृत्यु हुई थी और घटना कब हुई थी?
उत्तर: इस हादसे में कुल 10 मजदूरों की मृत्यु हुई थी। घटना लगभग 1 बजे रात में हुई थी।
प्रश्न 2: हादसा किस मार्ग पर हुआ था और कौन-कौन प्रभावित थे?
उत्तर: यह हादसा जी.टी. रोड (Grand Trunk Road) पर हुआ था, जहाँ एक ट्रक ने पीछे से एक ट्रैक्टर-टॉली में टक्कर मारी थी जिसमें 13 मजदूर घर लौट रहे थे।
प्रश्न 3: इस हादसे के बाद सरकार ने क्या घोषणा की थी?
उत्तर: हादसे के बाद केंद्र एवं राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को ₹ 2-लाख तथा घायलों को ₹ 50 000 की मुआवजा राशि देने की घोषणा की थी।
निष्कर्स
ने हमें एक बार फिर यह याद दिलाया कि तीर्थ यात्रा में सुरक्षा को हॉकी में लेना किसी भी व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकता है यह हादसा केवल एक दुर्घटना नहीं थी बल्कि यह उन सभी यात्रियों के लिए चेतावनी है जो प्लेटफार्म पर जल्दी बाजी में दौड़कर पार करने का जोखिम उठाते हैं सुबह का वास सन्नाटा जब ट्रेन प्लेटफार्म पर रुकी थी और यात्रियों ने सही रास्ता अपनाने की बजाय दौड़कर पर किया एक दर्दनाक स्थिति में बदल गया। इस घटना में छह महिलाओं की जान चली गई, जिन्होंने शायद अपने नियम का पालन व्यक्तिगत उद्देश्य से यात्रा की थी, लेकिन ट्रेन के आने से पहले उनका निर्णय उनके और उनके परिवार के लिए विनाशकारी साबित हुआ।