मोटरसाइकिल चलाने का मज़ा तभी आता है जब उसका इंजन स्मूद चले और परफॉर्मेंस शानदार मिले। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि बाइक का इंजन अचानक से गर्म होने लगता है। ओवरहीटिंग न सिर्फ आपकी राइडिंग का मज़ा खराब कर देती है बल्कि यह बाइक के इंजन के लिए खतरनाक भी साबित हो सकती है।
लंबे समय तक अगर इंजन को ओवरहीट कंडीशन में चलाया जाए तो यह सीज भी हो सकता है। यही वजह है कि इस समस्या को समझना और सही समय पर इसका इलाज करना बेहद जरूरी है।
| इंजन टाइप | ओवरहीटिंग की आम वजहें | समाधान |
|---|---|---|
| लिक्विड कूल्ड | कूलेंट लीक, रेडिएटर कैप खराब, वाटर पंप फेल, थर्मोस्टेट खराब | कूलेंट बदलें, लीक चेक करें, रेडिएटर साफ रखें |
| एयर कूल्ड | फिन्स पर गंदगी, खराब इंजन ऑयल, एयर-फ्यूल मिक्सचर गड़बड़ | फिन्स साफ रखें, सिंथेटिक ऑयल डालें, एयर फिल्टर और स्पार्क प्लग जांचें |
| ऑयल कूल्ड | ऑयल कूलर पर धूल, ऑयल क्वालिटी खराब | ऑयल कूलर साफ करें, अच्छा इंजन ऑयल डालें |
Engine Overheating के लक्षण
अक्सर राइडर्स को अंदाज़ा ही नहीं होता कि उनकी बाइक का इंजन कब ओवरहीट होने लगा है। लिक्विड कूल्ड मोटरसाइकिल्स में तो कई बार हाई टेम्परेचर वार्निंग लाइट जल जाती है, लेकिन एयर कूल्ड इंजन में ऐसा कोई अलर्ट नहीं मिलता।
इंजन की परफॉर्मेंस अचानक गिर जाना, बाइक से असामान्य आवाज़ें आना, नॉकिंग बढ़ना और लंबे समय तक राइड करने पर इंजन का बंद हो जाना ओवरहीटिंग के कुछ आम संकेत हैं।
लिक्विड कूल्ड इंजन में ओवरहीटिंग की वजह

आजकल ज्यादातर प्रीमियम मोटरसाइकिल्स लिक्विड कूलिंग सिस्टम के साथ आती हैं। इस सिस्टम में रेडिएटर, कूलेंट, फैन और थर्मोस्टेट मिलकर इंजन का तापमान नियंत्रित करते हैं।
अगर बाइक ट्रैफिक में है तो फैन अपने आप चलने लगता है और जैसे ही बाइक स्पीड पकड़ती है तो फैन बंद हो जाता है और इंजन नॉर्मल टेम्परेचर पर आ जाता है। यह संकेत है कि कूलिंग सिस्टम सही से काम कर रहा है।
लेकिन अगर फैन लगातार चलता रहे और फिर भी इंजन का तापमान कम न हो, तो यह साफ संकेत है कि सिस्टम में खराबी है। लिक्विड कूल्ड इंजन में कई समस्याएं देखने को मिल सकती हैं।
कूलेंट का लीक होना इनमें सबसे आम है। यह लीक रबर होसेस, वाटर पंप की सील या कहीं-कहीं रेडिएटर से भी हो सकता है। अगर कूलेंट बाहर निकल रहा है तो इंजन का ओवरहीट होना तय है।
रेडिएटर कैप भी यहां अहम भूमिका निभाता है। यह कैप प्रेशर को कंट्रोल करता है और अगर यह समय से पहले खुलने लगे तो कूलेंट ओवरफ्लो बोतल में चला जाता है और धीरे-धीरे बाहर गिरने लगता है।
इसी तरह वाटर पंप की खराबी भी इंजन को गर्म करने लगती है। अगर बाइक स्टैंडिंग कंडीशन में है और तापमान बढ़ रहा है, लेकिन जैसे ही आप थ्रॉटल देते हैं और आरपीएम बढ़ते हैं तब भी तापमान कम नहीं होता, तो इसका मतलब है कि वाटर पंप सही काम नहीं कर रहा।
थर्मोस्टेट का फेल होना भी इस समस्या की एक बड़ी वजह है। थर्मोस्टेट सामान्यतः 80 से 90 डिग्री के बीच खुलता है और कूलेंट का फ्लो शुरू करता है। अगर यह खराब हो जाए तो इंजन लगातार गर्म होता रहता है। इसी तरह थर्मो स्विच भी फेल हो सकता है जो फैन को नियंत्रित करता है।
एयर कूल्ड इंजन की चुनौतियाँ
भारत में सबसे ज्यादा बाइकें एयर कूल्ड इंजन वाली हैं। इनके कूलिंग सिस्टम में मुख्य भूमिका हवा और इंजन ऑयल निभाते हैं। इंजन के चारों तरफ बने फिन्स हवा को सीधे इंजन तक पहुंचाते हैं और गर्मी कम करते हैं। लेकिन अगर इन फिन्स पर मिट्टी, धूल या कीचड़ जम जाए तो हवा का फ्लो रुक जाता है और इंजन जल्दी गर्म होने लगता है।
एयर कूल्ड बाइक्स में इंजन ऑयल की क्वालिटी भी बेहद अहम होती है। अगर आपने सस्ता या गलत ग्रेड का इंजन ऑयल डलवाया है तो गर्मियों में बाइक को ज्यादा चलाने पर यह जल्दी गर्म हो जाएगी।
इसके अलावा एयर-फ्यूल मिक्सचर का सही न होना, एयर फिल्टर का चोक होना और गलत स्पार्क प्लग का इस्तेमाल करना भी ओवरहीटिंग की समस्या को जन्म देता है।
ऑयल कूल्ड इंजन की परेशानी
ऑयल कूल्ड इंजन लिक्विड और एयर कूलिंग सिस्टम के बीच का संतुलन माना जाता है। यह ज्यादा महंगे भी नहीं होते और कूलिंग सिस्टम भी प्रभावी रहता है।
लेकिन यहां भी समस्या तब आती है जब ऑयल कूलर पर धूल और गंदगी जम जाती है और हवा का फ्लो रुक जाता है। ऐसे में इंजन ऑयल गर्म होने लगता है और बाइक का इंजन ओवरहीट हो जाता है। खराब क्वालिटी का ऑयल डालना भी यहां एक बड़ी गलती साबित होती है।
ओवरहीटिंग से इंजन को होने वाला नुकसान
अगर इंजन लगातार ओवरहीट हो रहा है और इसे समय रहते ठीक नहीं किया गया तो इसके नतीजे बेहद खतरनाक हो सकते हैं। सबसे पहले तो इंजन की परफॉर्मेंस गिरने लगती है और बाइक चलाने में मज़ा नहीं आता। धीरे-धीरे माइलेज भी कम हो जाता है।
इंजन के अंदर नॉकिंग बढ़ जाती है और आवाजें तेज हो जाती हैं। सबसे बड़ा खतरा यह है कि इंजन पूरी तरह से सीज हो सकता है, जिसे ठीक कराने में हजारों रुपए खर्च हो जाते हैं।
How to Fix Motorcycle Engine Overheating
ओवरहीटिंग से बचने के लिए कुछ बुनियादी बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले कूलेंट को समय-समय पर बदलते रहें। कई लोग सालों तक एक ही कूलेंट का इस्तेमाल करते रहते हैं, जबकि इसकी उम्र लगभग डेढ़ से दो साल होती है।
हमेशा अच्छा इंजन ऑयल इस्तेमाल करें और समय पर बदलते रहें। रेडिएटर और ऑयल कूलर को साफ रखें ताकि हवा का फ्लो बाधित न हो।
एयर कूल्ड इंजन वाली बाइक में फिन्स को साफ रखना बेहद जरूरी है। गर्मियों में अगर लंबी राइड पर जा रहे हैं तो सिंथेटिक इंजन ऑयल का इस्तेमाल करना बेहतर विकल्प होता है।
निष्कर्ष
ओवरहीटिंग किसी भी बाइक इंजन का सबसे बड़ा दुश्मन है। चाहे बाइक एयर कूल्ड हो, ऑयल कूल्ड या फिर लिक्विड कूल्ड अगर इसकी समय पर देखभाल न की जाए तो यह गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। सही समय पर कूलेंट और इंजन ऑयल बदलना, रेडिएटर और ऑयल कूलर को साफ रखना और सर्विसिंग कराते रहना ही इस समस्या का सबसे अच्छा समाधान है। इंजन को हमेशा उसकी सही कंडीशन में रखना ही उसकी उम्र बढ़ाने और बेहतर परफॉर्मेंस पाने का सबसे सुरक्षित तरीका है।