एजुकेशन लोन EMI कैलकुलेटर

एजुकेशन लोन EMI कैलकुलेटर

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एजुकेशन लोन EMI कैलकुलेटर - एजुकेशन लोन लेने के बड़े फायदे और पूरी डिटेल

भारत में हर साल लाखों छात्र-छात्राएं देश और विदेश की यूनिवर्सिटीज़ में पढ़ाई करने का सपना देखते हैं। लेकिन अक्सर सबसे बड़ी रुकावट आती है – पैसों की कमी। उच्च शिक्षा चाहे भारत में हो या विदेश में, फीस और अन्य खर्च इतने ज्यादा होते हैं कि हर किसी के लिए एकमुश्त भुगतान करना आसान नहीं होता। ऐसे में छात्रों और उनके परिवारों के लिए सबसे भरोसेमंद विकल्प बन जाता है – एजुकेशन लोन

एजुकेशन लोन न सिर्फ फीस का बोझ हल्का करता है, बल्कि पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों को आत्मनिर्भर बनने का भी मौका देता है। सरकार और बैंक दोनों मिलकर छात्रों को ये सुविधा देते हैं ताकि उनका करियर कभी पैसों की वजह से न रुक पाए।

आइए विस्तार से समझते हैं कि एजुकेशन लोन लेने के क्या फायदे हैं, यह कैसे काम करता है और क्यों आज के समय में यह हर स्टूडेंट के लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।

एजुकेशन लोन क्यों जरूरी है?

आज के समय में किसी भी प्रोफेशनल कोर्स की फीस लाखों में होती है। मेडिकल, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, डिजाइनिंग, लॉ और यहां तक कि विदेश में पढ़ाई – हर जगह खर्च तेजी से बढ़ रहा है।

  • अगर आप प्राइवेट यूनिवर्सिटी से एमबीए करना चाहते हैं तो फीस 15-25 लाख तक हो सकती है।

  • मेडिकल की पढ़ाई में 40-50 लाख तक का खर्च आ सकता है।

  • विदेश में पढ़ाई का तो कहना ही क्या, वहाँ एक साल की फीस और रहने का खर्च मिलाकर 25-30 लाख तक पहुंच सकता है।

ऐसे हालात में एजुकेशन लोन छात्रों और अभिभावकों को राहत देता है। इससे बच्चे अपने सपनों की पढ़ाई कर सकते हैं और पैरेंट्स पर आर्थिक बोझ भी कम हो जाता है।

एजुकेशन लोन से कौन-कौन से खर्चे कवर होते हैं?

एजुकेशन लोन सिर्फ ट्यूशन फीस तक सीमित नहीं है। इसमें पढ़ाई से जुड़े लगभग सभी बड़े खर्च शामिल होते हैं।

  • ट्यूशन फीस

  • हॉस्टल या रहने का खर्च

  • किताबें और स्टडी मटेरियल

  • लैब फीस या प्रोजेक्ट फीस

  • विदेश में पढ़ाई पर जाने वालों के लिए ट्रैवल खर्च

  • लैपटॉप या जरूरी इक्विपमेंट

यानी लोन मिलने के बाद छात्र को पढ़ाई से जुड़े ज्यादातर बड़े खर्चों की चिंता नहीं करनी पड़ती।

एजुकेशन लोन पर टैक्स का फायदा

भारत में एजुकेशन लोन लेने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके ब्याज पर इनकम टैक्स डिडक्शन मिलता है।

  • आयकर अधिनियम की धारा 80E के तहत यह फायदा दिया जाता है।

  • लोन पर जितना ब्याज भरेंगे, उतना आप टैक्सेबल इनकम से घटा सकते हैं।

  • यह डिडक्शन अधिकतम 8 साल तक मिलता है।

इस तरह लोन लेते समय आपको पढ़ाई के साथ-साथ भविष्य में टैक्स बचत का फायदा भी मिलता है।

रीपेमेंट कब से करना होता है?

अक्सर छात्रों को यह डर रहता है कि लोन तुरंत चुकाना पड़ेगा। लेकिन एजुकेशन लोन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका रीपेमेंट कोर्स खत्म होने के बाद शुरू होता है।

  • बैंक आमतौर पर कोर्स पूरा होने के 6 महीने से 1 साल का समय देते हैं।

  • इस दौरान स्टूडेंट को नौकरी ढूंढने और सेटल होने का मौका मिलता है।

  • इसके बाद ही किस्त (EMI) चुकाने की जिम्मेदारी शुरू होती है।

एजुकेशन लोन से क्रेडिट स्कोर पर असर

समय पर एजुकेशन लोन चुकाने का एक और बड़ा फायदा है – क्रेडिट स्कोर में सुधार

  • समय पर EMI भरने से आपका क्रेडिट स्कोर मजबूत होता है।

  • अच्छा स्कोर होने पर भविष्य में होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन लेना आसान हो जाता है।

  • इससे बैंकों का भरोसा भी बढ़ता है कि आप जिम्मेदारी से लोन चुका सकते हैं।

एजुकेशन लोन लेने के फायदे

नीचे दी गई तालिका में एजुकेशन लोन के मुख्य फायदे आसान भाषा में समझाए गए हैं:

फायदाडिटेल
खर्च का बोझ कमबैंक ट्यूशन फीस, हॉस्टल, किताबें और अन्य खर्च कवर करते हैं
टैक्स बेनिफिटब्याज पर इनकम टैक्स डिडक्शन मिलता है (धारा 80E)
रीपेमेंट सुविधाकोर्स खत्म होने के बाद EMI शुरू होती है
क्रेडिट स्कोरसमय पर भुगतान करने से क्रेडिट स्कोर सुधरता है
ऑल-राउंड कवरेजफीस के अलावा ट्रैवल, लैपटॉप और अन्य खर्च शामिल
स्टूडेंट का आत्मनिर्भर बननापढ़ाई के दौरान आर्थिक दबाव कम, करियर पर ध्यान ज्यादा

एजुकेशन लोन कौन-कौन ले सकता है?

हर छात्र को यह सुविधा मिल सकती है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें होती हैं।

  • छात्र का एडमिशन किसी मान्यता प्राप्त संस्थान में होना चाहिए।

  • कोर्स प्रोफेशनल, टेक्निकल या उच्च शिक्षा वाला होना चाहिए।

  • को-एप्लीकेंट (जैसे माता-पिता/गार्जियन) का इनकम प्रूफ देना पड़ सकता है।

भविष्य के फैसलों में मददगार

एजुकेशन लोन सिर्फ पढ़ाई पूरी करने में ही मदद नहीं करता, बल्कि यह छात्रों को सोच-समझकर करियर चुनने का भी मौका देता है।

  • कोर्स खत्म करने के बाद छात्र को यह आजादी होती है कि वो नौकरी, बिजनेस या कोई और रास्ता चुन सके।

  • लोन की वजह से पढ़ाई बीच में रुकती नहीं है और स्टूडेंट को बेहतर करियर विकल्प मिलते हैं।

नतीजा: एजुकेशन लोन है स्मार्ट निवेश

आज के दौर में एजुकेशन लोन को सिर्फ कर्ज नहीं, बल्कि निवेश माना जाता है। यह निवेश आपके ज्ञान, स्किल्स और भविष्य की कमाई पर होता है।

अगर आप या आपके बच्चे उच्च शिक्षा की योजना बना रहे हैं और पैसों की वजह से रुकावट आ रही है, तो एजुकेशन लोन लेना एक समझदारी भरा कदम है। इससे पढ़ाई पूरी होगी, करियर बनेगा और समय पर चुकाने से वित्तीय भविष्य भी मजबूत होगा।