दक्षिण भारतीय फिल्म जगत ने एक सच्ची दिग्गज अभिनेत्री खो दी है। 87 वर्ष की आयु में दिग्गज अभिनेत्री सरोजा देवी का निधन हो गया। खबरों के अनुसार, उन्होंने सोमवार सुबह बेंगलुरु में अंतिम सांस ली। वह दक्षिण भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े नामों में से एक थीं और उन्होंने अपने लंबे करियर में कन्नड़, तमिल, तेलुगु और हिंदी फिल्मों में भी अभिनय किया था।
प्रारंभिक शुरुआत और प्रसिद्धि तक का सफर
सरोजा देवी ने 1955 में कन्नड़ फिल्म महाकवि कालिदास से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की । उन्होंने अपने आकर्षक अभिनय और स्क्रीन पर अपनी उपस्थिति से जल्द ही फिल्म प्रेमियों का दिल जीत लिया। उनके भावपूर्ण अभिनय और आकर्षण के कारण उनके प्रशंसक उन्हें प्यार से ‘अभिनय सरस्वती’ और ‘कन्नड़थु पैंगिली’ कहकर पुकारते थे।
उनकी लोकप्रियता उस समय नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई जब उन्होंने 1958 में तमिल फिल्म नादोडी मन्नान में एमजीआर के नाम से प्रसिद्ध महान अभिनेता एमजी रामचंद्रन के साथ अभिनय किया। इस फिल्म ने उन्हें घर-घर में जाना जाने वाला नाम बना दिया और विभिन्न भाषाओं में और अधिक भूमिकाओं के लिए उनके दरवाजे खोल दिए।
कई भाषाओं का सितारा
अपने सफल करियर के दौरान, सरोजा देवी ने अपने समय के कुछ सबसे बड़े सितारों के साथ काम किया। उन्होंने शिवाजी गणेशन, एनटी रामाराव और यहाँ तक कि बॉलीवुड के शम्मी कपूर जैसे दिग्गजों के साथ भी काम किया। उनकी प्रतिभा और लगन ने उन्हें दक्षिण भारत और यहाँ तक कि हिंदी सिनेमा में भी कई फ़िल्मों में भूमिकाएँ दिलाईं।
भारतीय सिनेमा में उनका योगदान सिर्फ़ बॉक्स ऑफिस पर हिट फ़िल्में देने तक ही सीमित नहीं था। उन्होंने अपने हर किरदार में गरिमा और गरिमा भर दी और अपने बाद आए कई युवा अभिनेताओं को प्रेरित किया। उनके काम के लिए, उन्हें भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठित पद्मश्री और पद्म भूषण पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
प्रशंसकों और फिल्मी सितारों की ओर से श्रद्धांजलि
उनके निधन की खबर आते ही, प्रशंसकों, फिल्मी सितारों और विभिन्न क्षेत्रों के जाने-माने लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके प्रशंसक या उनके साथ काम करने वाले कई अभिनेताओं ने सोशल मीडिया पर अपनी यादें साझा कीं और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
फिल्म ” वन्स मोर” में सरोजा देवी के साथ काम कर चुकीं लोकप्रिय साउथ अभिनेत्री सिमरन ने सोशल मीडिया पर अपना दुख साझा किया। उन्होंने लिखा, “हालांकि सरोजा देवी अम्मा अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका काम और विरासत हमेशा जीवित रहेगी।” सिमरन ने याद किया कि ऐसी दिग्गज अभिनेत्री के साथ स्क्रीन स्पेस साझा करना कितना खास था और इसे अपने करियर का गौरवशाली क्षण बताया।
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Khushbu Sundar’s Heartfelt Message
अभिनेत्री और राजनीतिज्ञ खुशबू सुंदर ने भी एक भावुक संदेश के साथ सरोजा देवी को याद किया। उन्होंने लिखा कि सरोजा देवी के निधन के साथ, सुनहरे सिनेमा के एक युग का अंत हो गया। उन्हें ‘सर्वकालिक महानतम’ बताते हुए खुशबू ने कहा कि दक्षिण में किसी अन्य महिला कलाकार को इतनी प्रसिद्धि और प्यार नहीं मिला।
खुशबू ने बताया कि सरोजा देवी पर्दे के पीछे भी कितनी दयालु और प्यारी थीं। उन्होंने बताया कि जब भी वह बेंगलुरु जाती थीं, तो उस दिग्गज स्टार से मिलना ज़रूर पसंद करती थीं। अगर वह चेन्नई में होतीं, तो सरोजा देवी उनसे मिलने के लिए फ़ोन करतीं। खुशबू ने कहा कि उन्हें उनकी बहुत याद आती और उनके बीच का रिश्ता बेहद ख़ास था।
पीढ़ियों के लिए प्रेरणा
सरोजा देवी का निधन न केवल फिल्म उद्योग के लिए, बल्कि उन लाखों प्रशंसकों के लिए भी एक क्षति है जो उनकी फ़िल्में देखते हुए बड़े हुए हैं। उनकी कई भूमिकाएँ आज भी अपनी गहराई और खूबसूरती के लिए याद की जाती हैं। युवा कलाकार अक्सर बताते हैं कि कैसे उन्होंने उन्हें अभिनय के लिए प्रेरित किया।
सिनेमा में उनका योगदान अभिनय से कहीं आगे तक जाता है। उन्होंने ऐसे समय में फिल्मों में महिलाओं के लिए बाधाओं को तोड़ा जब यह आसान नहीं था। उन्होंने साबित किया कि प्रतिभा और कड़ी मेहनत से सभी भाषाओं और क्षेत्रों के लोगों का दिल जीता जा सकता है।
एक किंवदंती को अंतिम अलविदा
हर तरफ से शोक संवेदनाएँ उमड़ रही हैं, उनके परिवार, दोस्त और प्रशंसक उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए एकत्रित हो रहे हैं। उनकी फ़िल्में उन्हें लोगों के दिलों में ज़िंदा रखेंगी। भले ही वह अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका अभिनय आने वाली पीढ़ियों का मनोरंजन और प्रेरणा देता रहेगा।
अपनी पहली कन्नड़ फ़िल्म से लेकर भारत की सबसे पसंदीदा अभिनेत्रियों में से एक बनने तक, सरोजा देवी का सफ़र वाकई उल्लेखनीय है। उनकी विरासत हमेशा भारतीय सिनेमा के इतिहास का एक गौरवशाली हिस्सा रहेगी।
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